जो प्रेम और सच्चे समर्पण का मोल समझे उसे पूर्णतः अंत तक निभाए वही प्रेम का "सुपात्र " होता है। जो बीच राह में छोड़ दे जीवन में रिक्त स्थान मुश्किल बड़ी माँ-बाप के लिए घड़ी हो जाएगी उसका मन उस एहसास से अब तक वाकिफ ही नहीं था जो अब हुआ था उसका दिल धड़का भो तो उसके लिए जिस पर उसका कोई हक़ नहीं था | एक रात जब राखी सुशील कि बाँहों में थी तो सुशील ने उस से पूछा "मुझसे प्रेम करती हो तो शादी से इन्कार क्यूँ?" "ओह बाबा बता तो दिया...प्रेम करने के लिए और इस काम के लिए तुम बहुत अच्छे हो...मगर " ज़िन्दगी के जद्दोजहद लिए

Hindi उसका जीवन से चले जाना ही बेहतर जिससे कि "सुपात्र " के लिए स्थान रिक्त हो सके। Stories